भगवान को लहसुन और प्याज क्यों नहीं चढ़ाया जाता है जानिए हैरान कर देने वाला सच
भगवान को प्याज और लहसुन दोस्तों जब समुंद्र मंथन हो रहा था। उस दौरान समुद्र मंथन से निकले अमृत को जब विष्णु भगवान देवताओं में बांटने लगे तभी छल से दो राक्षस राहु और केतु भी वही देवताओं में आकर बैठ गए। विष्णु भगवान ने उन्हें देवता समझा और अमृत की कुछ बूंदे उन्हें भी दे दी।
लेकिन तभी सूर्य और चंद्रमा ने विष्णु भगवान को यह बताया कि यह दोनों देवता नहीं राक्षस है। विष्णु भगवान उसके इस छल से बहुत क्रोधित हुए और तुरंत उन दोनों के सिर धड़ से अलग कर दिए। परंतु सिर काटने से पहले अमृत उनके मुंह में जा चुका था। लेकिन गले के नीचे नहीं उतर पाया था। जिनकी वजह से उनका शरीर वही नष्ट हो गया था। जब भगवान विष्णु ने उनके सिर काटे तो कुछ अमृत की बूंदें नीचे गिरे जिनसे प्याज और लहसुन का जन्म हुआ था।
इसलिए यह दोनों सब्जियां अमृत से उगी है। इसलिए इनमें रोगों से लड़ने वाली अमृत समान गुण है। लेकिन यह राक्षसों के मुंह से होकर जमीन पर गिरे थे। और इसलिए इनमें से तेज गंध आती है। और राक्षसों के मुंह से जन्म लेने के कारण इन्हें देवताओं को अर्पित नहीं किया जाता है।